लेखनी प्रतियोगिता -06-Mar-2023 "गुमराह"

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     "गुमराह" गुमराह बहुत हुई यहाँ मैं इंसानों की बीच में  था कुसूर मेरा कोई या  छलावा था कोई   ऐ मेरे परवरदिगार तू भी तो बतला ज़रा भ्रम और धोखे ...

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